Wednesday, October 5, 2011

Is champi mein bade-bade gun

ब्रिटेन में एक स्कूल ऐसा भी है जहाँ बच्चों को पढ़ाई के दौरान तनाव रहित करने के लिए सिर की मालिश करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। लंच के बाद छोटे-छोटे बच्चे अपने दोस्तों के सिर पर चंपी भी करते हैं। वोरशेस्टरशायर स्थित किंडरमिंस्टर के कम्युनिटी प्राइमरी स्कूल के एक अध्यापक ने बताया कि लंच के बाद बच्चे अगले सत्र की पढ़ाई शुरू करने से पहले एक दूसरे के सिर की मालिश करते हैं। इसका काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और बच्चे तनाव रहित हो जाते हैं। स्कूल में इस तरह का प्रयोग सर्वप्रथम तबिथा स्मिथ नामक टीचर ने अपनी कक्षा में दो वर्ष पूर्व शुरु किया था। यह नुस्खा इतना अनूठा साबित हुआ कि कुछ ही दिनों में इसे पूरे स्कूल में लागू कर दिया गया। सिर पर मालिश करने से बच्चों का तनाव कम होता और वे फिर मन लगा कर पढ़ाई करते हैं। 10 मिनट की इस प्रक्रिया में पढ़ाई का नुकसान भी नहीं होता और छात्रों को आराम भी मिलता है। हमारे हिन्दुस्तान में तो चप्पा-चप्पा चम्पी चलती है। मु्म्बई की चौपाटी हो या कोलकाता की चौरंगी या चेन्नई की मरीना बीच सब जगह चम्पी करते कराते मिल जाते हैं लोग। दाढ़ी-कटिंग के लिए बारबर के पास जाओ, तो वह अपने ग्राहकों को खुश करने के लिए चम्पी जरूर करता है। गुरुदत्त ने अपनी एक फिल्म में तो जानीवाकर पर चम्पी का गाना बड़ा सुंदर फिल्माया था। रफी साहब ने बहुत ही बढ़िया स्वर में उसे गाया था। सर जो तेरा चकराये या दिल डूबा जाए, आजा प्यारे पास हमारे काहे घबराए, काहे घबराए। सुन-सुन-सुन, अरे बेटा सुन, इस चम्पी में है बड़े-बड़े गुन। लाख टकों की एक दवा है क्यों न आजमाए।




by Suresh Tamrkar

1 comment:

Pallavi saxena said...

बढ़िया प्रस्तुति
समय मिले तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/

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