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Wednesday, February 8, 2012

Alasi Maa blessed Amit



अलसी मैया की अमित पर हुई कृपा और किया खूब लाड़
कन्या दी  सुन्दर सी साथ में दहेज भी मिला  छप्पर फाड़

जी हां अलसी मैया जब भी आशीर्वाद देती है दिल खोल कर देती है और अपने सारे खजाने भक्तों के लिए खोल देती है। अमित एक बहुत मामूली परिवार का लड़का है और बी.कॉम., एम.बी.ए. करने के बाद जयपुर में एक नौकरी करने लगा। उसी ऑफिस में सुन्दर सी अमीर घराने की एक लड़की भी काम करती थी। दोनों में प्यार हो गया और दोनों परिवारों में उनकी शादी की खुसर-फुसर होने लगी। लेकिन तभी अमित को अहसास हुआ कि वह तो स्तंभनदोष और शीघ्रस्खलन का शिकार है। मासूम अमित ने अपनी मां को खुल कर बोल दिया कि वह शादी के योग्य नहीं है इसलिए यह विवाह नहीं हो सकता है। मां पर तो मानो पहाड़ ही टूट पड़ा। वह मुझे जानती थी इसलिए मुझे फोन करके सारी बात बतलाई। मैंने उसे सांत्वना दी और कहा कि अमित को भरपूर अलसी खिलाओ। डेढ़ महीने बाद अमित मेरी क्लिनिक पर आया। मैं उसे देख कर हैरान था। उसके हावभाव में गजब का आत्मविश्वास था और देखने में सलमान खान जैसा लग रहा था। वह मुझे शादी का कार्ड  देकर बोला कि अंकल 4 दिसंबर की शादी है आप जरूर आना। उसने बतलाया कि अलसी मैया ने उसके  सारे रोग दूर कर दिये हैं और अब उसके परिवार और ससुराल के सभी लोग नियमित अलसी खाने लगे हैं।  उसका इतना आग्रह था, मुझे शादी में जाना ही पड़ा। मैं भी बहुत खुश था कि अलसी मैया ने उसे सुन्दर कन्या का तोहफा दिया और साथ बिन मांगे दहेज (एक करोड़ से ज्यादा) भी छप्पर फाड़ कर दिया।


इसीलिए मैं कहता हूँ कि आजकल की बालाएं  अलसी खाने वाले युवकों को पसन्द करती है और सुखी दाम्पत्य जीवन का सूत्र अलसी ही है। यह लिंक देखिये। 
http://flaxindia.blogspot.in/2011/07/blog-post_10.html

दिनांक - 23 मार्च, 2012 


अलसी मैया के आशीर्वाद से अमित आज न्यूयॉर्क में हनीमून मना रहा है। आज उसने मुझे फोन करके बतलाया है। 

Wednesday, February 1, 2012

नीलपुष्पी - यौवन का उपवन



अलसी है यौवन का उपवन  महकाये तन मन और जीवन 
रग रग में भरदे प्रेम अगन दिल चाहे पिय से होय मिलन 


लगभग दो महीने पहले मुझे एक लड़की ने फोन किया था। वह एक मासूम सी भोली-भाली कलाकार थी जिसने नया-नया अन्तरजातीय प्रेम विवाह किया था। उसने मुझे शिकायत के रूप में बतलाया था कि उसका पति रोज लैंगिक संबन्ध बनाता चाहता है, जो उसे रुचिकर और आनंददायक नहीं लगता है। उसे लग रहा था जैसे उसके पति ने सिर्फ शारीरिक संबन्ध बनाने के लिए ही शादी की हो। उसे दाम्पत्य जीवन एक बोझ और मजबूरी लगने लगा था। मुझे लगा कि वह दुर्बल कामेच्छा की शिकार है इसलिए मैंने दोनों पति पत्नि को अलसी खाने की सलाह दी।


आज फिर उसका फिर फोन आया है और जो प्रतिक्रिया उसने दी है वह सचमुच किसी चमत्कार से कम नहीं हैं। उसने बतलाया कि अब उसके जीवन में कोई परेशानी नहीं है, वह दाम्पत्य जीवन का पूरा आनन्द उठा रही है, वह बहुत खुश है, उसका पति उसे बहुत प्यार करता है, उसका बहुत ध्यान रखता है, यदि पहले घर आता है तो वह तुरन्त उसे फोन करता है कि तुम कहां हो? जल्दी आ जाओ। जब मैंने उससे पूछा कि क्या आपकी कामेच्छा बढ़ी है? क्या संभोग के समय आप पर्याप्त गीलापन महसूस करती हो? क्या आपके पति का स्तंभन ज्यादा प्रबल हुआ है? क्या उनकी स्खलन अवधि बढ़ी है? क्या आप अब ज्यादा आनन्द की प्राप्ति करते है? मेरे सारे प्रश्नों के जवाब में उसने कहा कि सब कुछ पहले की अपेक्षा बहुत-बहुत बढ़िया है। उसने मुझे यह भी बतलाया कि अलसी खाने से उसका शरीर सुडौल बना है, मुहांसे दूर हो गये हैं, त्वचा में गोरापन और चमक आई है, स्तन बड़े और आकर्षक हो गये हैं, उसका आत्मविश्वास बढ़ा है और सभी मित्र अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं। बस और ट्रेन में सभी उसे ही देखते रहते हैं। इसीलिए मैं आपसे हमेशा कहता हूँ कि सफल नारीत्व और मातृत्व की असली कुंजी अलसी ही है। 



इस कड़ी को चटका कर देखिये......
आज के कुंवर अलसी बाला की ही कामना करते हैं ??? http://flaxindia.blogspot.in/2011/10/blog-post_9178.html

मैं गेहूं हूँ

लेखक डॉ. ओ.पी.वर्मा    मैं किसी पहचान का नहीं हूं मोहताज  मेरा नाम गेहूँ है, मैं भोजन का हूँ सरताज  अडानी, अंबानी को रखता हूँ मुट्ठी में  टा...