चौथे गुरु हैं डा.ओपी वर्मा, जो देश भर में अलसी का अलख जगा रहे हैं। करीब साल भर पहले डा.मनोहर भंडारी ने मुझे डा.वर्मा के अलसी पर आलेख की फोटोकापी लाकर दी थी। मैंने लेख में अलसी की महिमा पढ़ी और उसे अपनाना शुरू कर दिया। करीब पंद्रह दिन में ही मुझे आश्चर्यजनक परिणाम मिले। कब्ज का कब्जा दूर हो गया। त्वचा स्निग्ध और चमकीली होने लगी। बाल मुलायम हो गए और नाखून जो ब्रिटल (कड़े) हो गए थे वह नरम और चमकीले होने लगे। शरीर में चुस्ती-फूर्ती आ गई। करीब एक साल से मैं नियमित डेढ़ से दो चम्मच अलसी मिक्सर में पीस कर लेता हूँ। अलसी सेवन से लगता है उम्र दस साल पीछे चली गई। इसके बाद मैंने अपने रिश्तेदारों और मित्रों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया। कईं लोगों ने अलसी को अपनाया और उन्हें लाभ हुआ है। डा.वर्मा ने अपने खर्च पर दो बार राजस्थान व मध्यप्रदेश की अलसी चेतना यात्रा की, वे जगह-जगह जाकर अलसी पर लेक्चर देते हैं। अलसी महिमा नाम से उन्होंने एक पुस्तिका भी प्रकाशित करवाई है, जो लोगों के बीच निशुल्क वितरण करते हैं। डा.वर्मा भी एक निष्काम सेवक हैं जो जनकल्याण के लिए अलसी के प्रति चेतना जगा रहे हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं और टेलीविजन चैनलों पर उनके आलेख व साक्षात्कार आ चुके हैं। अगस्त में वे फिर अपना अलसी रथ लेकर मध्यप्रदेश तथा छत्तीसगढ़ की अलसी चेतना यात्रा पर निकल रहे हैं।
लोग अक्सर सवाल करते हैं कि अलसी की रोज कितनी मात्रा ली जाए। डा.वर्मा तीन चम्मच रोज लेने का सुझाव देते हैं। मेरा अनुभव कुछ और है, हर व्यक्ति के शरीर की आवश्यकता अलग-अलग होती है। एक से तीन चम्मच के बीच उसे कितनी अलसी लेनी चाहिए यह वह खुद अनुभव से तय करे तो अधिक अच्छा है। एज डायरेक्टेड बाय फिजिशियन के बजाय एज रिक्वायर्ड योर बाडी का सिद्धांत ज्यादा सही हो सकता है।
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