राजलक्ष्मी उम्र 45 वर्ष
मेरे गर्भाशय में कैंसर था, जिसके लिए मैंने सर्जरी
और रेडियोथेरेपी उपचार लिया था। रेडियोथेरेपी से मेरी हड्डियों में दर्द रहने लगा
था, कमजोरी रहती थी, मेरा वजन भी बढ़ कर 126 कि.ग्रा. हो गया था। 6 महिनें पहले मैं कोटा गई
थी वहां किसी ने मुझे डॉ. ओ.पी. वर्मा से मिलने की सलाह दी। मैंने तुरन्त रात को 10 बजे फोन किया, वे हॉस्पिटल में नाइट
ड्युटी कर रहे थे। मैं तभी उनसे मिलने के लिए गयी उन्होंने मुझे कैंसररोधी बुडविज
उपचार के बारे में बताया। तभी से मैं अलसी के तेल व अलसी बुडविज डाइट के आधार पर
सात महिनें से ले रही हूँ। कुछ ही हफ्तों में ही मेरी हड्डियों का दर्द जाता रहा।
मेरी थकावट खत्म हो गयी है। मुझमें ताकत आ गयी है। और मैं रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक मेडिकल
ट्रांसक्रिप्शन का काम करने लगी हूँ। इस दौरान मेरा वजन 126 कि.ग्रा. से घटकर 91 कि. ग्रा. हो गया है। मैं
उनकी आजीवन कृतघ्न रहूँगी। मैंने निरोग धाम में भी डॉ. ओ.पी. वर्मा का लेख पढ़ा
है। मैं आपको पत्र लिख रही हूँ और चाहती हूँ कि मेरे अनुभवों से दूसरे लोग भी
फायदा उठाये।
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