नीबू हर
रसोईघर की शान है। विटामिन-सी से भरपूर नीबू स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल है। नीबू हर व्यंजन का स्वाद बढ़ाता है। फिर चाहे वो आलू का शोरबा हो या
मटन का कोरमा, पनीर की तरी हो या चिकन की
करी, साहब की जिन हो या मेडम की चाओमिन नीबू के बिना सब बेसुरे और बेस्वाद लगते ही
हैं। पूरे विश्व में नीबू शौक से खाया जाता है। यह हर देश और धर्म के लोगों का
चहीता फल है। चाहे स्त्री हो या पुरुष, बच्चा हो या बूढ़ा, अमीर हो या गरीब,
नॉनवेज हो या वेज, स्ट्रगलर हो या स्मगलर,
ड्राइवर हो या डाक्टर सभी नीबू के दीवाने हैं। अकेले निबुड़ा गीत ने
ऐश्वर्य राय को रातों रात स्टार बना दिया था। नीबू के आचार की तो बात ही क्या है।
जितनी किस्म के आचार नीबू के बनते हैं, शायद ही किसी और के बनते हों। नीबू के आचार
को देखते ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। गर्भवती स्त्रियां तो नीबू का आचार
चटकारे लेकर खाती हैं।
नीबू बहुत
उपयोगी फल है और ईश्वर का वरदान है। इसके बिना जीवन ही रसहीन और फीका लगता है। इसका
वानस्पतिक नाम साइट्रस लिमोनम है। इसे संस्कृत में लिम्बुका, अरेबिक में लेमुन और
अंग्रेजी में लेमन कहते हैं। इसका रंग पीला या हरा तथा स्वाद खट्टा होता है। विश्व
में सबसे अधिक नीबू का उत्पादन भारत में होता है। भारत विश्व के कुल नीबू उत्पादन
का 16 प्रतिशत भाग उत्पन्न करता है।
मलेशिया, मैक्सिको, अर्जन्टीना,
ब्राजील एवं स्पेन अन्य मुख्य उत्पादक देश हैं। इसकी कई किस्में
होती हैं, लेकिन कागजी नीबू, कागजी
कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते
हैं। इनमें कागजी नीबू सबसे अधिक लोकप्रिय है।
इसमें विटामिन-सी प्रचुर
मात्रा में होता है। इसका प्राकृतिक विटामिन-सी सिंथेटिक विटामिन-सी की गोलियों से
बहुत अधिक प्रभावशाली होता है। इसमें एक बायोफ्लेविनॉयड (जिसे विटामिन-पी भी कहते
हैं) होता है, जो इसमें विद्यमान विटामिन-सी की गुणवत्ता को बढ़ाता है। नीबू में
विटामिन-सी के अलावा एक बहुत महत्वपूर्ण तत्व साइट्रिक एसिड (7.2%) होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन-ए, नायसिन और थायमिन भी होते हैं।
आयुर्वेद
में नीबू को अनमोल फल माना है और प्राचीन ग्रंथों में इसके स्वास्थ्यवर्धक गुणों
के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है। यह जबर्दस्त एंटीऑक्सीडेंट है और इम्युनिटी
बढ़ाता है। नीबू खट्टा, गर्म, हल्का और तीखा होता है। इसका मिजाज गर्मी में ठंडा और सर्दी में गर्म
अर्थात वातानुकूलित है। नीबू प्राकृतिक प्रिजर्वेटिव है। विटामिन-सी के
सर्वोत्तम स्रोत नींबू का उपयोग भोजन के साथ सलाद, शर्बत, आचार एवं सौंदर्य प्रसाधन के अलावा दवाओं
में भी होता है। नीबू स्वाद में अम्लीय लगता है, लेकिन शरीर पर इसका प्रभाव
क्षारीय है। इसलिए यह शरीर में अम्लता को कम करता है।
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दांतों का वैद्य
है नीबू - नीबू का रस लगाने से दांत के दर्द में आराम मिलता है। मसूड़ों पर नीबू
का रस मलने से मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है। नीबू मुंह से आने वाली दुर्गंध
में भी फायदा करता है। नीबू के सूखे छ्लकों को जला कर पीस ले और नमक मिला कर दन्त
मंजन बनालें। यह मंजन दांतो को चमका देता है और कुछ ही दिनों में दांतो पर जमा
गंदगी साफ हो जाती है। नीबू का रस हमेशा
पानी या किसी अन्य ज्यूस में मिला कर लेना चाहिये। सांद्र नीबू के रस में साइट्रिक
एसिड होता है जो दांतों के ऐनामेल का नुकसान पहुँचा सकता है।
पाचन विकार
और कब्जी भगाये नीबू- यदि
प्रातःकाल गुनगुने पानी में नीबू का रस और शहद मिला कर लिया जाये, तो पूरे शरीर का
शोधन हो जाता है, पाचन क्रिया चुस्त हो जाती है और कब्ज भी ठीक हो जाती है। नीबू
उदर विकार में तुरन्त फायदा पहुँचाता है। नीबू रक्त-शोधक है और शरीर के टॉक्सिन्स
का उत्सर्जन करता है। आपको बहुत देर से हिचकी आ रही है, तो नींबू के रस में 2 छोटे
चम्मच काला नमक ,शहद का 1 छोटा चम्मच
मिलाकर पीयें। यह पेट के कीड़े मार देता है। यह वमन का उपचार है और हिपेटाइटिस और
अन्य रोगों में उपयोगी है। भोजन के बाद
नीबू पानी एक उत्कृष्ट पेय माना गया है।
जीवाणुओं
का दुष्मन है नीबू - नीबू
का रस सर्दी, जुकाम और बुखार में फायदा करता है। डायबिटीज के रोगी को नीबू पानी
पिलाने से उसकी प्यास शांत होती है। नीबू शक्तिशाली जीवाणुरोधी है। यह वैज्ञानिक
शोध में साबित हो चुका है कि यह मलेरिया, हैजा, डिफ्थीरिया, टायफॉयड और अन्य रोगों
के जीवाणुओं को मारने की क्षमता रखता है।
हृदय का
रखवाला है नीबू - नीबू में सेब या अंगूर से भी
ज्यादा पोटेशियम होता है, जो हृदय के लिए बहुत हितकारी है। नीबू का रस तम और मन का
शांत रखता है, इसलिए उच्च रक्तचाप, चक्कर, उबकाई में बहुत हितकारी है। यह हृदय और
नाड़ियों का शांत करता है और हृदय की तेज धड़कन में राहत देता है। यह तनाव और
अवसाद में लाभदायक है। यह विटामिन-पी रक्त-वाहिकाओं का कायाकल्प करता है और
रक्तस्राव से बचाता है, इसलिए स्ट्रोक से
बचा कर रखता है।
बोन मेकर है नीबू - नीबू
दांत और हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। विटामिन-सी कैल्शियम के चयापचय को
सम्बल देता है। नीबू गठिया और गाउट के उपचार में प्राचीन काल से प्रयोग में लिया
जाता है। यह मूत्रवर्धक है, इसलिए यह वृक्क और मूत्राशय के विकार में हितकारी माना
गया है।
इम्युनिटी बूस्टर है नीबू- नीबू के जूस से शरीर की
रोग-प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है लेकिन इससे मोटापा नहीं बढ़ता है। पानी में
नीबू और शहद मिला कर रोज पीने से आप बिना कमजोरी के वजन घटा सकते हैं।
केश श्रंगार का पार्लर है नीबू - नींबू का रस बालों की तकलीफ के लिए बहुत उपयागी
है। बालों में नीबू का रस लगाने से डेन्ड्रफ,
बाल झड़ना आदि रोग मिट जाते हैं और बाल तमक उठते हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य प्रसाधिका है नीबू - नीबू एक प्राकृतिक संक्रमण रोधी होने के कारण त्वचा के अनेक विकारों
में उपयोगी है। नीबू का रस मुंहासे, दाद,
खाज, एग्जीमा आदि में लाभदायक है। नीबू त्वचा का जीर्णोद्धार करता है और त्वचा की
झाइयां, झुर्रिया और ब्लेक हेड्स मिटाता है। पानी में नीबू और शहद मिला कर पीने से
त्वचा चमक उठती है। चेहरे पर कच्चे दूध में नीबू का रस मिला कर लगाने से चेहरे के
सारे दाग मिट जाते हैं। कोहनी पर नींबू के छिलके से सफ़ाई करने से वो काले नहीं होते।
गुनगुने पानी मे नींबू का रस डालकर पर रगड़ने से एडियां साफ़ हो जाती हैं। नीबू
त्वचा की छोटी गांठो और कॉर्न आदि को ठीक कर देता है। अगर आपकी त्वचा तैलीय है, तो नींबू के रस मे बराबर
मात्रा मे पानी मिलाकर चेहरा साफ़ करें। नीबू का रस मलने से जलने का निशान हल्के
पड़ जाते हैं। नीबू त्वचा को ठंडक देता है और त्वचा की जलन में राहत पहुँचाता है।
श्वसन
विकार का उपचार है नीबू - नीबू
अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों में लाभदायक है। नीबू पर्वतारोहियों के लिए वरदान है।
ऊँचे पर्वतों पर ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेने में तकलीफ होती है, जिसमें नीबू
बहुत राहत देता है।
लवगुरू है नीबू –
नीबू
में अग्नि तत्त्व होते हैं इसलिए यह दिल-दिमाग और इन्द्रियों में भी उत्तेजना भर
देता है। और इस कारण सब कुछ सुहाना लगने लगता है, घर प्यारा
लगता है, पत्नी भी सुन्दर दिखती है और पति पर प्रेम भी उमड़ता
है। कामेच्छा का इससे सीधा गहरा सम्बन्ध है। नींबू में इतने गुण है कि यह सारे
लैंगिक-विकार जड़ से मिटा देता है। पति का ढीलापन और पत्नी की उदासीनता को दूर कर
उन्हें प्यार और मिलन के लिए प्रेरित करता है।
कैंसर का विनाशक
है नीबू -
नीबू कैंसर कोशिकाओं का
सफाया करने में भी चमत्कारी है। नीबू सभी प्रकार के कैंसर के बचाव और उपचार में
बहुत कारगर है। यह कीमोथेरेपी से अधिक असरदार साबित हुई है। इसका स्वाद उमदा है और
शरीर पर कोई कुप्रभाव भी नहीं होता है। नीबू का सेवन कीमो और रेडियो के कुप्रभावो
को भी कम करता है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी हमें
एक बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनी द्वारा की गई शोध से मिली है। 1970 के बाद हुई इस
शोध में अनुसंधानकर्ताओं ने नीबू में कुछ ऐसे तत्वों का पता लगाया है जो आंत,
स्तन, प्रोस्टेट, फेफड़ा, अग्न्याशय आदि समेत 12 प्रकार के कैंसर में बहुत असरदार
है। ये तत्व प्रचलित कैंसररोधी दवा एड्रियामाइसिन से 10,000 गुना असरदार है। विशेष
बात यह है कि ये तत्व सिर्फ कैंसर कोशिका को ही मारते हैं, स्वस्थ कोशिकाओं पर कोई
बुरा असर नहीं डालती हैं। अब वह कंपनी इन तत्वों को कृत्रिम रूप से बना कर मुनाफा
कमाने की दिशा में काम कर रही है।
1 comment:
Very Nice.
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