Saturday, September 8, 2012

क्रुसीफेरस सब्जियां - कैंसर की कातिल


 क्रुसीफेरस सब्जियां
ब्रेसीकेसिया परिवार की सब्जियों को क्रुसीफेरस सब्जियां कहते हैं। इस श्रेणी में ब्रोकोली, फूलगोभी, बन्द गोभी, बोक चोय, ब्रुसल्स स्प्राउट्स, कोलार्ड ग्रीन, केली, कोह्लरबी, वसाबी, सरसों, मूली, शलगम, जलकुम्भी, होर्सरेडिश आदि सब्जियां आती हैं। क्रुसीफेरस नया लेटिन शब्द है जिसका अर्थ क्रॉस होता है। इन सब्जियों के फूल में चार पंखुड़ियां क्रॉस के आकार में अवस्थित होती हैं, इसलिए इन्हें क्रुसीफेरस सब्जियां कहते हैं। इस परिवार की दस प्रचलित सब्जियां ब्रेसीकेसिया ओलीरेसिया उपजाति में आती हैं। भरपूर विटामिन और खनिज तत्वों के अलावा इनमें कई शक्तिशाली कैंसररोधी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। इसलिए इन्हें सुपर फूड दर्जा दिया गया है।
क्रुसीफेरस सब्जियों में कई पोषक तत्व जैसे कई केरोटीनॉयड्स ( बीटा-केरोटीन, लेयुटिन और जियाजेंथिन),  विटामिन-सी, विटामिन-ई, विटामिन-के, फोलेट और सेलेनियम समेत कई खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसमे फाइबर भी पर्याप्त होता है।
ग्लुकोसायनोलेट्स – कैंसर के कातिल
इनके अलावा क्रुसीफेरस सब्जियों में कुछ विशेष और अनूठे तरह के शक्तिशाली तत्व ग्लुकोसायनोलेट्स और उनके व्युत्पाद आइसोथायोसायनेट होते हैं। इन्हे यौवन का सोता कहा जाता है। ये सल्फरयुक्त जीवरसायन यौगिक होते हैं। इन सब्जियों में तेज और कड़वी गंध सल्फर के कारण ही होती है। इन पौधों में 120 प्रकार के ग्लुकोसायनोलेट्स पाये जाते हैं।
ग्लुकोसायनोलेट्स का विघटन पौधे के ही एंजाइम मायरोसाय़नेज के असर से होता है। पौधे में यह एंजाइम ग्लुकोसायनोलेट से दूर रखा जाता है। पकाने, चबाने और पाचन क्रिया से क्रुसीफेरस सब्जियों में विद्यमान ग्लुकोसायनोलेट्स का मायरोसाय़नेज एंजाइम के सम्पर्क हो जाता है और ग्लुकोसायनोलेट का जलीय विघटन (Hydrolysis) हो जाता है।  और चयापचय की दृष्टि से सक्रिय यौगिक जैसे इन्डोल, नाइट्राइल्स, थायोसायनेट और आइसोथायोसायनेट बनते हैं। इन्डोल-3-कार्बिनोल (इन्डोल) और सल्फोरेफेन (आइसोथायोसायनेट) आश्चर्यजनक रूप से कैंसररोधी पाये गये हैं। ये आइसोथायोयायनेट और इन्डोल यकृत में ग्लूटाथायोन-एस-ट्रांसफरेज एंजाइम तंत्र का नियंत्रण करते हैं। इसे फेज-2 एंजाइम तंत्र कहते हैं। ग्लुकोसायनोलेट्स युक्त सब्जियों के सेवन के 3-4 दिन तक ये शरीर से टॉक्सिन्स का डिटॉक्सीफिकेशन करते रहते हैं। ये टॉक्सिन्स धूम्रपान, दवा, प्रदूषण, या शरीर में चयापचय के उत्पाद आदि किसी भी स्रोत से आ सकते हैं। ब्रोकोली में सबसे अधिक ग्लुकोसायनोलेट्स होते हैं, इसलिए अखाद्य और जंगली समझी जाने वाली ब्रोकोली अचानक कैंसररोधी क्रुसीफेरस सब्जियों की पायदान में सबसे ऊपर पहुँच गई है।
चूहों पर हुए प्रयोगों से यह सिद्ध हुआ है कि इन्डोल और आइसोथायोसायनेट ब्लाडर, ब्रेस्ट, आंत, लंग, और आमाशय के कैंसर के विकास को बाधित करते हैं। ये कैंसर पर कई तरह से आक्रमण करते हैं जैसे –
·       ये कोशिकाओं के डी.एन.ए. की सुरक्षा करते हैं। 
·       ये कैंसरकारी तत्वों (Carcinogens) को निष्क्रिय करते हैं।
·       ये विषाणुरोधी और जीवाणुरोधी  हैं।
·       ये कोशिका की पूर्व नियोजित मृत्यु (Programmed cell Death or Apoptosis)  को प्रोत्साहित करते हैं।
क्रुसीफेरस सब्जियों में विटामिन-सी और बीटा-केरोटीन प्रचुर मात्रा में होता है, जो हृदयरोग में बहुत गुणकारी माने जाते हैं। इनका सेवन स्ट्रोक और मोतियाबिंद का आघटन कम करता है।




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