Monday, October 3, 2011

Ravikant Terminated his Diabetes


मुझे यह सूचित करते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि आपके दिशा निर्देशन में मैंने डायबिटीज जैसे भयानक असाह्य  रोग को नियंत्रण करने में सफल रहा हूँ। मुझे अपने डायबिटीक होने की जानकारी वर्ष 2008 माह सितम्बर – अक्टूबर में तब हुआ जब मैंने अपना ब्लड शुगर चेक करवाया उस समय मेरा ब्लड शुगर 265-450 था। उसके बाद मैंने ऐलोपैथी दवा मैंने छः या सात माह तक चालु रखी लेकिन बाद में दिनचर्या बिगड़ जाने एंव ऐलोपैथी दवा का साइड इफेक्ट के चलते उसे मैने नियमित नहीं किया तथा मेरी शुगर खतरनाक तरीके से बढ़कर पुनः 298-490 हो गया इसके बाद मैं आप (डॉ. वर्मा साहब) के सम्पर्क में आया। डॉ. वर्मा साहब ने मुझे अलसी से डायबिटीज पर नियंत्रण करने की सलाह दी। मैं उनके बताये अनुसार अलसी गेहूँ के आटे की मिश्रित रोटी माह अगस्त सितम्बर-2010 से लगातार खा रहा हूँ। साथ ही साथ सुबह 1 घंटा टहलना तथा आधे घंटे शाम में टहलना जारी कर रखा हूँ। इसके साथ-साथ 30-45 मी.ली. अलसी का तेल जो ठंडी विधी से निकाला गया हो। 100 ग्राम दही के साथ मिलाकर हैंड ब्लेंडर से मिश्रित कर सुबह – सुबह खाली पेट में ले रहा हूँ। इसके अलावा दाल चीनी भी एक चुटकी सुबह-शाम गर्म दाल सब्जी के साथ ले रहा हूँ। इसके अलावा ऐलोपैथी दवा Mopaday–15 सुबह – शाम, Ebiza - L सुबह शाम एवं दो – दो गोली डाबर शीलाजीत का सुबह-शाम ले रहा हूँ। अब मेरा तीन महीने बाद ब्लड शुगर 108-135 हो गया है। मुझे अब काफी अच्छा महसूस कर रहा हूँ। मेरा मोबाइल नं. 9460176480 है। मैं अपना फोटो भी इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ। मुझे पहले पैदल चलने पर चक्कर आने जैसा अनुभव होता था लेकिन अब ठीक है कोई बात नहीं है।


दिनांक 17/11/10
                                                                         (रविकान्त प्रसाद)
                                                                    Q.No. NT/III/22
                                                                                                                                                नारकोटिक्स स्टाफ कालोनी
कोटा (राज.)

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