Friday, December 9, 2011

Kamlesh


कमलेश कुमारः-    कोटा, (राजस्थान)
श्रीमान मैं बचपन से ही बहुत कमजोर और काफी दुबला पतला था। पिछले वर्ष निरोग धाम पत्रिका में एक लेख छपा था जो अलसी पर था इसके लेखक डॉ. ओ.पी.वर्मा जी है। इन्होंने इस लेख को काफी सरल तरिके से लिखा है। इसको मैंने पढ़ा, इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के बारे में भी बताया है। अलसी को एक दैविक भोजन का दर्जा दिया है। यह बात सही है क्योकि उस लेख में बताये अनुसार मैंने भी अलसी खाना शुरू कर दिया फिर मैंने उनके अन्य लेख भी पढे जो अन्य पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए है। उनमें अलसी के तेल को दही के साथ लेना बताया था। उस तरीके से भी तेल लेना शुरू कर दिया फिर कुछ दिन व्यतीत हुए और मेरे शरीर में काफी परिवर्तन होने लगे जैसे शारीरिक थकान दूर होना, चेहरे के सारे मुहांसे गायब हो गये, रंग गोरा होना, त्वचा, नाखुन, बाल चमकीले होने लगे सभी मिलने वाले मुझे टोकने लगे की आजकल कोनसा टोनिक खा रहे हो, मैने जवाब में एक ही नाम दिया अलसी बस अलसी इसके अलावा कुछ नहीं। अलसी ने मेरी लाइफ स्टाइल को बदल कर रख दिया है यह वास्तव में ही एक दैविक भोजन है जो देवता जैसे इच्छा की वस्तु देता है वेसे अलसी मां भी इच्छित शारिरीक शक्ती प्रदान करती है। और हमेशा निरोगी और सुखी जीवन प्रदान करती है। और अन्त में मैं निरोग धाम पत्रिका को धन्यवाद देना चाहूंगा की उन्होंने ऐसा अच्छा जानकारी भरा लेख पत्रिका में छापा है। जिससे मेरी सारी परेशानीयो का समाधान हो गया है।          

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