"सॉवरक्रॉट के जबर्दस्त फायदे .. जानकर होश उड़ जाएंगे"
सावरक्रॉट सिर्फ फर्मेंटेड केबेज नहीं, एक सर्वोत्तम प्रोबायोटिक है,
पेट के हर रोग की दवा है,
किडनी रोग के लिए मेवा है,
हर अपच चुटकियों में मिटा दे वो हाज़मोला है,
एसीडिटी और अल्सर की दवाई का गोला है,
कब्जासुर का वध कर दे वाे दानव है,
जो इसका नियमित सेवन करे वही स्वस्थ मानव है,
जोड़ के हर रोग का तोड़ है,
जीवन का सबसे हंसीन मोड़ है,
विटामिन और मिनरल्स की खान है,
वेट वाचर्स के लिए वरदान है,
कैंसर के उपचार में तुर्प का पत्ता है,
शरीर की डिफैंस बटालियन का जत्था है,
स्वाद में लाजवाब है,
तभी तो कहलाता आबेहयात है....
मैे इसी अमृत को घर-घर पहुँचाना चाहता हूँ।
सावरक्रॉट सिर्फ फर्मेंटेड केबेज नहीं, एक सर्वोत्तम प्रोबायोटिक है,
पेट के हर रोग की दवा है,
किडनी रोग के लिए मेवा है,
हर अपच चुटकियों में मिटा दे वो हाज़मोला है,
एसीडिटी और अल्सर की दवाई का गोला है,
कब्जासुर का वध कर दे वाे दानव है,
जो इसका नियमित सेवन करे वही स्वस्थ मानव है,
जोड़ के हर रोग का तोड़ है,
जीवन का सबसे हंसीन मोड़ है,
विटामिन और मिनरल्स की खान है,
वेट वाचर्स के लिए वरदान है,
कैंसर के उपचार में तुर्प का पत्ता है,
शरीर की डिफैंस बटालियन का जत्था है,
स्वाद में लाजवाब है,
तभी तो कहलाता आबेहयात है....
मैे इसी अमृत को घर-घर पहुँचाना चाहता हूँ।
आबेहयात - हर रोग को देता मात
इवा लिज़ा रेहानेन के अनुसार बन्दगोभी की अपेक्षा फर्मेंट की हुई बंदगोभी में ज्यादा कैंसर-रोधी गुण होते हैं। बदंगोभी को खमीर करने पर उनके ग्लुकोसाइनोलेट आइसोथायोसायनेट में विघटित हो जाते हैं, जो शक्तिशाली कैंसर-रोधी हैं। अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के जरनल की वेब साइट पर निम्न जानकारियां उपलब्ध हैं।
सॉवरक्रॉट में कैंसर-रोधी तत्व
फिनलैंड की अनुसंधानकर्ता इवा लिज़ा रेहानेन और साथियों ने सॉवरक्रॉट में कैंसर-रोधी तत्वों का पता लगाया है। इवा के अनुसार बन्दगोभी को खमीर करने पर कुछ किण्वक बनते हैं जो उनके ग्लुकोसाइनालेट को विघटित कर कैंसर-रोधी आइसोथायोसायनेट बनाते हैं। कुछ वर्षों पहले जानवरों पर हुए परीक्षणों से सिद्ध हुआ था कि आइसोथायोसायनेट स्तन, आंत, फेफडे और यकृत के कैंसर की संवृद्धि को शिथिल करते हैं। मनुष्य में आइसोथायोसायनेट के कैंसररोधी प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए शोध होनी चाहिये।
पाचनक्रिया में सहायक है सॉवरक्रॉट
कैंसर-रोधी होने के साथ साथ सॉवरक्रॉट पाचनक्रिया में बहुत सहायक हैं। इसे खमीर करने की प्रक्रिया में लेक्टोबेसीलस जीवाणु पैदा होते हैं जो पाचन में सहायक हैं, विटामिन की मात्रा बढ़ाते हैं, विभिन्न लाभदायक एंजाइम बनाते हैं और पाचन-पथ में मित्र जीवाणुओं की सेना में वृद्धि करते हैं। हर स्वास्थ्य समस्या या रोग में पाचन का बहुत महत्व है। खमीर की हुई बन्दगोभी में लेक्टिक एसिड, प्रोबायोटिक जीवाणु होते हैं जो पाचन में सहायक हैं और कीटाणुओं का सफाया करते हैं। लेक्टिक एसिड कीटाणु ई-कोलाई और फफूंद जैसे केनडिडा एल्बिकेन्स के विकास को बाधित करते हैं। हालांकि लेक्टिक एसिड प्रोबायोटिक जीवाणुओं के विकास को बाधित नहीं करते हैं। सॉवरक्रॉट सेवन करने से आहारपथ की लाभदायक जीवाणु सेना सशक्त और संतुलित रहती है। सॉवरक्रॉट में एक दुर्लभ जीवाणु लेक्टोबेसीलस प्लान्टेरम भी पाया जाता है जो पाचन के लिए बहुत ही अहम जीवाणु है। यह अन्य मित्र जीवाणुओं की सहायता से महान एन्टीऑक्सीडेन्ट ग्लुटाथायोन और सुपरऑक्साइड डिसम्युटेज बनाता है। ये दोनों कठिन दुग्ध शर्करा लेक्टोज को आसानी से पचा लेते हैं। यह अन्नों में पाये जाने वाले कुपोषक तत्व फाइटिक एसिड और सोयाबीन में मौजूद ट्रिप्सिन इन्हिबीटर्स को निष्क्रिय कर देते हैं। सॉवरक्रॉट प्रोटीन के विघटन और पाचन में भी सहायक हैं। यह मस्तिष्क को शांति देता है। सॉवरक्रॉट सदियों से कैंसर और अपच के उपचार में प्रयोग किया जाता रहा है।
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1 comment:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (25-08-2018) को "जीवन अनमोल" (चर्चा अंक-3074) (चर्चा अंक-2968) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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