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कांदीवली, मुम्बई के निवासी श्री धीरू भाई बोहरा उम्र 89 वर्ष को 7 साल पहले हर्निया के आपरेशन के लिए हुई जांच से पता चला कि उनके पेट में प्लाजा सिस्टोमा नामक खतरनाक कैंसर की गांठ है। हर्निया के आपरेशन के साथ उनके पेट की गांठ भी निकाली गई। रेडियोथेरेपी भी दी गई लेकिन दो महीने बाद उनके कंधे में एक गांठ फिर हो गई। डाक्टरों ने उन्हें बताया कि उन्हें जो प्लाज्मा सिस्टोमा नामक कैंसर था वह मल्टीपल माइलोमा नामक कैंसर में परिवर्तित हो गया है और उन्हें कीमोथेरेपी भी दी गई। परंतु कीमोथेरेपी से उनके दिल में खराबी आ गई जिस कारण कीमोथेरेपी बंद करनी पड़ी। फिर उनके एक डॉ. मित्र ने योहाना के उपचार लेने की सलाह दी। योहाना के उपचार से उनकी बीमारी ठीक होती चली गयी। वे आज पूर्ण स्वस्थ है व फैक्टरी जाते हैं। परसों मेरी उनसे बात हुई तब वे अपनी फैक्टरी में ही काम देख रहे थे।
कांदीवली, मुम्बई के निवासी श्री धीरू भाई बोहरा उम्र 89 वर्ष को 7 साल पहले हर्निया के आपरेशन के लिए हुई जांच से पता चला कि उनके पेट में प्लाजा सिस्टोमा नामक खतरनाक कैंसर की गांठ है। हर्निया के आपरेशन के साथ उनके पेट की गांठ भी निकाली गई। रेडियोथेरेपी भी दी गई लेकिन दो महीने बाद उनके कंधे में एक गांठ फिर हो गई। डाक्टरों ने उन्हें बताया कि उन्हें जो प्लाज्मा सिस्टोमा नामक कैंसर था वह मल्टीपल माइलोमा नामक कैंसर में परिवर्तित हो गया है और उन्हें कीमोथेरेपी भी दी गई। परंतु कीमोथेरेपी से उनके दिल में खराबी आ गई जिस कारण कीमोथेरेपी बंद करनी पड़ी। फिर उनके एक डॉ. मित्र ने योहाना के उपचार लेने की सलाह दी। योहाना के उपचार से उनकी बीमारी ठीक होती चली गयी। वे आज पूर्ण स्वस्थ है व फैक्टरी जाते हैं। परसों मेरी उनसे बात हुई तब वे अपनी फैक्टरी में ही काम देख रहे थे।
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