।। जय अलसी मां ।।
लंबी है डगर और कठिन है सफर,
करना तो है मगर आप साथ दें अगर।
भाइयों और बहनों,
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- लोगों को ट्रांसफैट युक्त वनस्पति घी और रिफाइन्ड तेल से स्वास्थ्य पर होने वाले घातक प्रभावों के बारे में लोगों को बताना और इनको प्रतिबंधित करवाने के लिए प्रयास करना।
- जैविक खाद्य पदार्थों के उत्पादन और प्रयोग को प्रोत्साहन देना, लोगों को जैविक खाद्य पदार्थों के लाभ समझाना।
- खाद्य पदार्थों में मिलावट, जो देश की सबसे गंभीर समस्या है, के बारे में लोगों को जानकारी देना। मिलावट रोकने के लिए संबंधित विभागों से सामंजस्य रखते हुए कार्यवाही करना।
- लोगों को स्वास्थ्य की संपूर्ण जानकारी देने के उद्देष्य से एक स्वास्थ्य-पत्रिका का प्रकाशन करना।
- कोटा में देश-विदेश के रोगियों को उच्चस्तरीय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा उपलब्ध कराने हेतु प्राकृतिक चिकित्सालय, रिसर्च लेब, गौ शाला, कृषि अनुसंधान कैंद्र और विशाल हर्बल पार्क विकसित करना।
- सब जानते हैं कि आजकल कैंसर उपचार के लिए दी जाने कीमोथैरेपी एवं रेडियोथैरेपी के लिए हॉस्पीटल भारी कीमत वसूलते हैं। फिर भी कुछ ही रोगियों को लाभ मिलता है। गाँवों के गरीब लोग जमीन बेचकर, कर्जा लेकर अपने परिजनों के कैंसर का उपचार कराने शहर आते हैं और अक्सर लाखों रूपये खर्च करने के बदले उन्हें अपने परिजनों की मौत के सिवा कुछ नहीं मिलता है।
- अलसी दुर्गा का पांचवां स्वरूप है, इसे पार्वती एवं उमा के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पूजा अर्चना करने से मनुष्य सीधे मोक्ष को प्राप्त करता है। अलसी के संबंध में शास्त्रों में कहा गया है-
अलसी नीलपुष्पी पावर्तती स्यादुमा क्षुमा।
अलसी मधुरा तिक्ता स्त्रिग्धापाके कदुर्गरुः।
उष्णा दृष शुकवातन्धी कफ पित्त विनाशिनी।
इसलिए हमें अलसी मां का एक विशाल संगमरमर का मंदिर भी बनवाना है।
- अभी तक संस्था का पूरा खर्चा डॉ. ओ.पी.वर्मा ने अपनी जेब से किया है और किसी से कोई अनुदान नहीं लिया हैं। लेकिन इतने बड़े कार्यक्रम को अंजाम देने के लिए बहुत बड़ी धन राशि की जरूरत है। यह कार्य आपके अनुदान के बिना संभव नहीं होगा।
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मीना सुमन
विशेष सचिव
अलसी चेतना यात्रा
7-
वैभव हॉस्पिटल
7-बी-43, महावीर नगर तृतीय, कोटा राज.
http://flaxindia.blogspot.com
+919460816360
अलसी चेतना से बड़ा कोई कर्म नहीं
और दान से बड़ा कोई धर्म नहीं
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