Monday, May 6, 2013

कैंसर एक्सप्रेस ट्रेन

कैंसर एक्सप्रेस ट्रेन 

गाड़ी बुला रही है, बीकानेर जा रही है 
नींदें उड़ा रही है, कैंसर मिटा रही है... 


घाणी का छोड़ा तेल, गोबर की खाद भूले, अब तो संभलो जवानो 
हर पल है गुटका मुंह में, सिगरेट का धुंआ है, बर्गर को खाने वालों 
ट्रांस फैट सबब बना है, सबको सिखा रही है...


गाड़ी बुला रही है, बीकानेर जा रही है 
नींदें उड़ा रही है,, कैंसर मिटा रही है...  

रेडियो तो राउडी हैं, कीमो हुई किलर है, बुडविग की बात सुन लो
अलसी का तेल लेकर, पनीर संग गटको, जीवन अमर बना लो
पैगाम ये सुना कर सबको जगा रही है....


गाड़ी बुला रही है, बीकानेर जा रही है 
नींदें उड़ा रही है,, कैंसर मिटा रही है...  



यह बात यकीन से परे लगती है, लेकिन पूरे पंजाब ने एक ट्रेन का नाम कैंसर एक्सप्रेस रख दिया है क्योंकि इस रेल से हर रोज कैंसर मरीज इलाज के लिए पंजाब से बीकानेर जाते हैं। यह रेल हर रोज पंजाब में अबोहर से चलती है। पंजाब में रिफाइंड तेल, वनस्पति घी, गुटका, सिगरेट, रासायनिक खाद के बढ़ते उपयोग के कारण भी कैंसर के मामले बहुत बढ़ गए हैं।

7 comments:

Shri Sitaram Rasoi said...

बीकानेर जाने वाली कैंसर एक्सप्रेस एक नंबर प्लेटफॉर्म पर आएगी। मालवा के कई स्टेशनों पर यात्रियों द्वारा पूछे जाने पर कुछ ऐसे ही बताया जाता है। बठिंडा से बीकानेर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन अब कैंसर एक्सप्रेस के नाम से प्रचलित हो गई है।

इस ट्रेन में ज्यादातर कैंसर पीड़ित सफर करते हैं। जिस पंजाब की धरती ने लहलहाते खेतों को सीने से लगाया है, आज वही धरती शर्मसार है। रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग किसानों को कैंसरग्रस्त कर रहा है। रविवार को प्रसारित आमिर के शो ‘सत्यमेव जयते’ में यह दर्द सामने आया। आमिर ने इस बार पेस्टीसाइड के जहर का मुद्दा उठाया। हालत यह है कि खाद्य पदार्थ ही नहीं, बच्चे के लिए अमृत समझे जाने वाले मां के दूध को भी इस जहर ने नहीं बख्शा। मां के दूध में 400-800 प्रतिशत पेस्टिसाइड पाया गया।

6/5/13 12:42 PM

Shri Sitaram Rasoi said...

गाड़ी बुला रही है, सीटी बजा रही है
चलना ही ज़िंदगी है, चलती ही जा रही है

देखो वो रेल, बच्चों का खेल, सीखो सबक जवानों
सर पे है बोझ, सीने में आग, लब पर धुवाँ है जानो
फिर भी ये जा रही है, नगमें सुना रही है

आगे तूफ़ान, पीछे बरसात, ऊपर गगन में बिजली
सोचे न बात, दिन हो के रात, सिगनल हुआ के निकली
देखो वो आ रही है, देखो वो जा रही है

आते हैं लोग, जाते हैं लोग, पानी मे जैसे रेले
जाने के बाद, आते हैं याद, गुज़रे हुए वो मेले
यादें बना रही है, यादें मिटा रही है

गाड़ी को देख, कैसी है नेक, अच्छा बुरा न देखे
सब हैं सवार, दुश्मन के यार, सबको चली ये लेके
जीना सिखा रही है, मरना सिखा रही है

गाड़ी का नाम, ना कर बदनाम, पटरी पे रख के सर को
हिम्मत न हार, कर इंतज़ार, आ लौट जाएं घर को
ये रात जा रही है, वो सुबह आ रही है

सुन ये पैगाम, ये है संग्राम, जीवन नहीं है सपना
दरिया को फ़ांद, पवर्त को चीर, काम है ये उसका अपना
नींदें उड़ा रही है, जागो जगा रही है

Shri Sitaram Rasoi said...

खुशहाल पंजाब आज कैंसर के रोगियों का शमशान बनता जा रहा है..... वहां के नवयुवक ड्रग्स की चपेट में भी बुरी तरह फंस चुके हैं। हने वहां दोबारा से जैविक खेती करनी होगी, रिफाइंड तेल और डालडा बनाने वाली मिलों और पिज्जा बर्गर की दूकानों में आग लगानी होगी। गुटका सिगरेट और ड्रग्स पर कठोरता से बेन लगाना होगा। आओ दोस्तो हाथ बढ़ाओ.... together we win....

Shri Sitaram Rasoi said...

पंजाब से राजस्‍थान जाने वाली कैंसर एक्‍सप्रेस 1 नंबर प्लेटफॉर्म पर आएगी.पंजाब के कुछ स्टेशनों पर इस तरह की घोषणा होती सुनाई देती है.
दरअसल भटिंडा से बीकानेर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन अब कैंसर एक्सप्रेस के नाम से प्रचलित हो गई है क्योंकि इसमें ज्यादातर कैंसर के मरीज ही सफर करते हैं.
इन यात्रियों में प‍ंजाब के ज्‍यादातर यात्री हैं और वह भी इसलिए क्‍योंकि यहां के लोग रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं और यह किसानों को कैंसरग्रस्त कर रहा है.
लोग इस ट्रेन से पंजाब से अपना इलाज करवाने बीकानेर स्थित 'आचार्य तुलसी कैंसर ट्रीटमेंट एंड रिसर्च सेंटर' जाते हैं.
आमिर के टीवी शो ‘सत्यमेव जयते’ में इस बार के एपिसोड में पेस्टीसाइड से जुड़े इस खुलासे ने लोगों को चौंका दिया. आमिर ने इस बार पेस्टीसाइड से खाद्य पदार्थों में बढ़ते जहर का मुद्दा उठाया.
आमिर ने बताया कि पेस्टीसाइड का जहर इस कदर फैल रहा है कि यह सिर्फ खाने की चीजों में ही नहीं बल्कि बच्चे के लिए अमृत माने जाने वाले मां के दूध तक भी पहुंच चुका है. रिसर्च साइंटिस्ट डॉक्टर सांघी के मुताबिक मां के दूध में तकरीबन 400-800 प्रतिशत पेस्टीसाइड पाया गया.
यह मां के दूध में इसलिए है क्योंकि मां जो फल और सब्जियां खा रही है उसमें पेस्टीसाइड होता है.

Shri Sitaram Rasoi said...

गाड़ी बुला रही है, बीकानेर जा रही है
मरना सिखा रही है, कैंसर को ला रही है...
घाणी का छोड़ा तेल, गोबर की खाद भूले, अब तो संभलो जवानो
हर पल है गुटका मुंह में, सिगरेट का धुंआ है, बर्गर को खाने वालों
ट्रांस फैट सबब बना है, सबको बता रही है...
किरणें तो बेअसर हैं है कीमो में दम नहीं है बुडविग की बात मानो
अलसी का तेल अमृत पनीर संग गटको जीवन अमर बना लो
पैगाम ये सुना कर सबको जगा रही है ......

Unknown said...

doctor saab alsi ek din mein kitni khani chaiye? ese ek he baar mein kha lena chayie? ya din mein do baar subah aur sham ko? ya din mein teen baar subah dopahr aur sham ko khana chayie?

Shri Sitaram Rasoi said...

अलसी दिन भर में 30 ग्राम खानी चाहिये...

पहले इसे पीसिये फिर आटे में मिलाकर रोटीबना लें या दूध दही में मिला कर लेंले...

मैं गेहूं हूँ

लेखक डॉ. ओ.पी.वर्मा    मैं किसी पहचान का नहीं हूं मोहताज  मेरा नाम गेहूँ है, मैं भोजन का हूँ सरताज  अडानी, अंबानी को रखता हूँ मुट्ठी में  टा...