Thursday, December 8, 2011

Power Yoga & Power Food


पॉवर योगा और पॉवर फूड
विगत कई दशकों से हमारा समाज अनेक रोगों का शिकार होता जा रहा है, हमारा शरीर दवाओं की प्रयोगशाला  बनता जा रहा है। इसका कारण है हमारी भागम-भाग की जिन्दगी, दुनिया जहान के स्ट्रेस, बिगड़ी हुई जीवन और आहारशैली। पिछले कई दशकों से मल्टीनेशनल्स की मेहरबानी से हमारे भोजन से ओमेगा-3 फैट गायब हो चुका है। हम रोज ट्रान्सफैट से भरपूर पोषणहीन जंकफूड और फास्टफूड खा रहे हैं।  व्यायाम और योगा करना हम भूल गये हैं। जीवन में निष्क्रियता का आलम यह है कि परदे खोलने से लेकर दरवाजा बंद करने और टीवी की चेनल बदलने जैसे काम भी हम रिमोट से करने लगे हैं। पहले बुजुर्ग होने पर मनुष्य बीमार होता था, किन्तु आजकल तो हमारी युवा पीढ़ी आर्थ्राइटिस, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटेक, डिप्रेशन जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। जिसे देखो उसे डायन डायबिटीज डेट पर ले जाती है। क्या इस आधुनिक युग में हमारे पास शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रहने का कोई उपाय है? जी हाँ पॉवर योगा और पॉवर फूड से हम सम्पूर्ण आयु तक स्वस्थ, बलवान व निरोगी रह सकते हैं।
पॉवर योगा
"पावर योगा" एक खास "फिटनेस टूल" है जिसके जरिए युवा खुद को फिट रखने की कोशिश कर रहे हैं। इस पावर योगा को पहले देश की कई अभिनेत्रियों जैसे कैटरीना कैफ, करीना कपूर आदि ने जीरो फिगर व फिटनेस के लिए अपनाया और अब यह शहर के युवाओं के बीच पॉपुलर हो रहा है। वजन घटाने व फिगर मेंटेन करने के लिए लड़कियाँ जहां पावर योगा सीख रही हैं, वहीं युवा लड़के भी फिटनेस, स्ट्रेंथ, सेल्फ कंट्रोल और कन्संट्रेशन के लिए इसका सहारा ले रहे हैं।
इसकी शुरूआत 1990 के मध्य में हुई थी। अमरीका के दो योग टीचर्स बेरिल बेंडर बर्च और ब्रयान केस्ट ने एक योग टीचर से अष्टांग योगा सीखा था। उसमें कुछ परिवर्तन कर और कुछ नये पोज़ जोड़कर पावर योगा बनाया। पावर योगा मुख्य रूप से अष्टांग योग पर आधारित है। परन्तु पावर योगा साधारण योगा से थोड़ा अलग है। यह योगा का एथलेटिक स्टाइल है, जिसमें ब्रीद (श्वास) वर्क और अध्यात्म से ज्यादा स्ट्रेंथ और फ्लेक्सिबिलिटी पर जोर रहता है। इसमें मुद्राओं की एक निर्घारित श्रेणी नहीं होती, इसलिए टीचर और इंस्ट्रक्टर के अनुसार स्टाइल अलग-अलग हो सकती है।
पॉवर योगा में प्रत्येक व्यक्ति की बॉडी के अनुसार विभिन्न तरह की एक्सरसाइज का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे बॉडी शेप होगा वैसे योगा फार्मेट होगा। पॉवर योगा टीचर आपकी बॉडी अनुसार ही आपको एक्सरसाइज की टिप्स बताते हैं।
आमतौर पर चार तरह के बॉडी शेम माने जाते हैं:- एप्पल शेप, पियर शेप, नॉर्मल और टूयब शेप जिसे जीरो फिगर भी कहा जाता है। प्रत्येक शेप के लिए अलग-अलग योगा एक्सरसाइज बताई जाती है।
वर्क आउट की तरह
पावर योगा से मसल्स बनाने से लेकर बॉडी फैट तक को खत्म किया जा सकता है। साधारण योग में जहां आसन और श्वास प्रक्रिया पर ज्यादा जोर दिया जाता है, वहीं पावर योगा वर्कआउट की तरह है, जिसमें विभिन्न पोज और एक्सरसाइज होती हैं। इसे करते वक्त कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। जैसे पहले अपना मेडिकल चेकअप कराएं और अपनी मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी अपने इंस्ट्रक्टर को दें। इसे करते वक्त कंफर्टेबल रहें और अपनी क्षमता के अनुसार ही करें। इंस्ट्रक्टर या एक्सपट्र्स की देखरेख में ही इसे करें। सप्ताह में कम से कम तीन बार पावर योगा जरूर करें।
पॉवर योगा के फायदे
वेट रिडक्शन, स्पॉट रिडक्शन और बॉडी परफेक्शन।
पोस्चर अलायनमेन्ट
स्ट्रेस मेनेजमेन्ट
शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता बढ़ती है।
अस्थमा, आर्थ्राइटिस, डिप्रेशन, डायबिटीज, हाइपरटेंशन आदि बीमारियों से लड़ने में सहायक।
रक्त संचार और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
कन्संट्रेशन और सेल्फ कंट्रोल बढ़ता है।
स्टेमिना, स्ट्रेंथ और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
पसीने से बॉडी टॉक्सिन्स निकलते हैं।

पॉवर फूड
जिस फूड में भरपूर ओमेगा-3 फैट, अच्छे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स हों उसे पॉवर फूड कहते हैं। आज के युग का सुपरस्टार पॉवर फूड है फ्लेक्स सीड या अलसी।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) अलसी को सुपर स्टार फूड का दर्जा   देता है। गांधीजी ने अलसी के बारे में अपनी एक पुस्तक में लिखा हैजहां अलसी का सेवन किया जायेगा, वह समाज स्वस्थ व समृद्ध रहेगा।
  • अलसी एक कम्पलीट पॉवर फूड है जिसके मुख्य तत्व 18% प्रोटीन, 27% फाइबर, 18% ओमेगा-3 फैटी एसिड, लिगनेन तथा विटामिन बी ग्रुप, विटामिन सी, सेलेनियम, कैल्शियम, मेगनीशियम, मेंगनीज, क्रोमियम, कॉपर, जिंक, पोटेशियम, लोहा, फोलेट, लाइकोपीन, ल्युटिन, जियाजेंथिन आदि होते हैं। अलसी का उपयोग गर्भावस्था से वृद्धावस्था तक फायदेमंद है।
  • अलसी लिगनेन का पृथ्वी पर सबसे बड़ा स्रोत हैं। लिगनेन एन्टीबैक्टीरियल, एन्टीवायरल, एन्टीफंगल, एन्टील्यूपस और एन्टीकैंसर है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। लिगनेन   विटामिन-ई से लगभग पांच गुना ज्यादा पावरफुल एन्टीऑक्सीडेन्ट है। लिगनेन नारी जीवन की विभिन्न अवस्थाओं मेनार्की से मेनोपॉज तक विभिन्न हार्मोन्स् का समुचित संतुलन रखता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ईस्ट्रोजन का स्त्राव कम हो जाता है और महिलाओं को कई परेशानियां जैसे हॉट फ्लेशेज़, ओस्टियोपोरोसिस आदि हो जाती हैं। लिगनेन इन सबमें बहुत राहत देता है। लिगनेन स्टरलिटीअबोर्शन और मेन्स्ट्रुअल ऐबनोर्मलिटीज ठीक करती है। लिगनेन हमें प्रोस्टेट, युटरस, ब्रेस्ट, आंत, स्किन आदि के कैंसर से बचाता हैं।
  • ओमेगा-थ्री हमे रोगों से करता है फ्री। अलसी शुद्ध, शाकाहारी, सात्विक, निरापद और आवश्यक ओमेगा-थ्री का खजाना है ।  ओमेगा-3 हमारे शरीर की सारी कोशिकाओं, उनके न्युक्लिस, माइटोकोन्ड्रिया आदि सभी संरचनाओं के बाहरी खोल या सेलवाल का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यही इन सेलवाल्स को वांछित तरलता, कोमलता और पारगम्यता प्रदान करता है। ओमेगा-3 का अभाव होने पर शरीर में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का संतुलन बिगड़ जाता है और हमारी कोशिकाएं इन्फ्लेम हो जाती हैं सुलगने लगती हैं जो आगे चल कर हमें ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, ओबेसिटी, डिप्रेशन, आर्थ्राइटिस और कैंसर का शिकार बनाती हैं।
  • अलसी कब्जासुर का वध करती है। पेट साफ रखने में यह इसबगोल से भी ज्यादा प्रभावशाली है।
  • डायबिटीज जरासंध है तो भीमसेन है अलसी। यह ब्लडशुगर नियंत्रित रखती है और डायबिटीज के दुष्प्रभावों का उपचार करती है। बुनियादी चयापच दर (BMR) बढ़ाती है खाने की ललक कम करती है और वजन कम करने में सहायता करती है।
  • अलसी रक्त को पतला बनाये रखती है। अलसी ब्लडवेसल्स को स्वीपर की तरह साफ करती रहती है। कॉलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और हार्टरेट को सही रखती है अलसी। यानी हार्ट अटेक के कारण पर अटैक करती है अलसी।
  • अलसी शरीर को  ऊर्जा, शक्ति और उत्साह से भर देती है। अलसी से माँसपेशियाँ बनती हैं तथा वर्कआउट के बाद थकावट चुटकियों में ठीक हो जाती है।  बॉडी बिल्डिंग पत्रिका मसल मीडिया 2000 में प्रकाशित लेख बेस्ट आफ द बेस्ट में अलसी को बॉडी के लिए सुपर फूड माना गया है।  मि. डकेन ने अपने आर्टिकल में अलसी को नंबरवन बॉडी बिल्डिंग फूड की संज्ञा दी है। हॉलीवुड की विख्यात अभिनेत्री हिलेरी स्वांक ने मिलियन डॉलर बेबी फिल्म के लिए बॉडी बनाने हेतु अ ल सी का ही सहारा लिया था, तभी  ऑस्कर जीत सकी। 
  • अलसी शरीर की रक्षा प्रणाली  को सुदृढ़ कर शरीर को बाहरी संक्रमण या आघात से लड़ने में मदद करती हैं।
  • सुपरस्टार अलसी एक फीलगुड फूड है, क्योंकि अलसी से मन प्रसन्न रहता है, झुंझलाहट या क्रोध नहीं आता है, पॉजिटिव एटिट्यूड बना रहता है। अलसी आपके तन, मन और आत्मा को शांत और सौम्य कर देती है। यह एक प्राकृतिक वातानुकूलित भोजन है।  
  • अलसी माइन्ड के सरकिट का SIM CARD है । यहां सिम का मतलब सेरीन शांति, इमेजिनेशन कल्पनाशीलता और मेमोरी स्मरणशक्ति  तथा कार्ड का मतलब कन्सन्ट्रेशन एकाग्रता, क्रियेटिविटी सृजनशीलता, अलर्टनेट सतर्कता , रीडिंग राईटिंग थिंकिंग एबिलिटी शैक्षणिक क्षमता  और डिवाइन दिव्य है। अलसी कई असाध्य रोग जैसे एल्ज़ीमर्स, मल्टीपल स्कीरोसिस, डिप्रेशन, पार्किनसन्स, ल्यूपस नेफ्राइटिस, एड्स, स्वाइन फ्लू आदि का भी उपचार करती है।
  • अलसी त्वचा, केश और नाखुनों को रेजुविनेट या जीर्णोद्धार करती है। अलसी सुरक्षित, स्थाई और उत्कृष्ट भोज्य सौंदर्य प्रसाधन है जो त्वचा में अंदर से निखार लाता है। अलसी त्वचा, केश और नाखून के हर रोग जैसे मुहांसे, एग्ज़ीमा, दाद, खाज, खुजली, सूखी त्वचा, सोरायसिस, ल्यूपस, डेन्ड्रफ, बालों का सूखा, पतला या दोमुंहा होना, बाल झड़ना आदि का उपचार है। अलसी चिर यौवन का स्रोता है। अलसी खाकर 70 वर्ष के बूढे भी 25 वर्ष के युवाओं जैसा अनुभव करने लगते हैं।  
  • पुरूष को सलमान तो स्त्रियों को केटरिना बनाती है अलसी।
  • अलसी जोड़ की हर तकलीफ का तोड़ है। अलसी आर्थ्राइटिस, शियेटिका, ल्युपस, गाउट, स्टियोआर्थ्राइटिस आदि का उपचार है।
सेवन का तरीका
हमें प्रतिदिन 30–60 ग्राम अलसी का सेवन करना चाहिये। रोज अलसी को मिक्सी में ड्राई पीसकर आटे में मिलाकर रोटी, परांठा आदि बनाकर खाना चाहिये। इससे ओमखण्ड, नालमधु, ब्रेड, केक, कुकीज, आइसक्रीम, चटनी, लड्डू आदि स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाये जाते हैं। इसे आप सब्ज़ी, दही, दाल, सलाद आदि में भी डाल कर खा सकते हैं।
ओमखण्ड
दो बड़ी चम्मच अलसी का तेल और छः बड़ी चम्मच पनीर या दही को हेन्ड ब्लैंडर से अच्छी तरह मिक्स करें। मिश्रण में स्ट्राबेरी, पपीता, सेब, केला या अन्य फल और कटे हुए मेवे मिलाऐं। स्वाद के लिए वनला, दाल चीनी, ताजा काकाओ, कसा नारियल या ऐपल साइडर विनेगार मिला सकते हैं। सुबह पॉवर योगा के बाद यह पॉवरफुल और डेलीशियस ओमखण्ड भरपूर ताकत देता है।
नीलमधु स्वादिष्ट और दिव्य व्यन्जन नीलमधु बनाने के लिए अलसी का ताज़ा पाउडर, शहद, मिल्क पाउडर, कसा नारियल, कटे मेवे (बादाम, किशमिश आदि) को बराबर मात्रा में अच्छी तरह मिला कर शीशी में भर कर फ्रीज़ में रख दें।  नीलमधु शाम को चाय के साथ या कभी भी खाया जा सकता है। यह कई हफ्तों तक खराब नहीं होगा। 


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