Wednesday, October 5, 2011

Obesity Clinic


स्थूलता की उपचारशाला                                                                         


आप मेरा यह आलेख पढ़ रहे हैं तो मुझे यह आभास हो रहा है कि संभवतः आपका वज़न ज्यादा है और आप इसे घटाने का मानस बना रहे हैं। ऐसा भी हो सकता है जैसे आपने पहले भी वज़न घटाने का प्रयास किया हो तथा सफलता न मिल पाई हो और आप निराश होकर बैठ गये हों। स्वाभाविक है कि आप नकारात्मकता और हीन भावना  से ग्रस्त भी हो गये होंगे। लेकिन मुझे तो ये सब अच्छे संकेत लग रहे हैं। आपने  शायद सुना ही होगा कि असफलता ही तो सफलता की पहली कुंजी होती है। आपकी असफलता में मुझे तो कई बातें अच्छी  लग रही हैं जैसे कि आपको इस बात का पूरा आभास था कि आपका वज़न ज्यादा है, आप अपना वज़न घटाना भी  चाह रहे थे और आपने कौशिश भी की, यह अलग बात है कि आप सफल नहीं हो सके तो तनाव कतई नहीं करें आप इस बार अवश्य कामयाब  हो जायेंगे। स्थूलता-प्रबंधन की यह यात्रा आपके जीवन की एक अविस्मरणीय घटना बनने वाली है। यह आपके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। शीघ्र ही आपके परिजन और मित्र आपसे बहुत प्रभावित होने वाले हैं। अचानक सब आपको ज्यादा महत्व, प्यार और सम्मान देने लगेंगे।  सब लोग आपसे वजन घटाने के टिप पूछना चाहेंगे।

बी.एम.आई. पर रखो नज़र  यह है स्थूलता का बेरोमीटर


आजकल स्थूलता का निदान हम बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के आधार पर करते हैं, जिसका सूत्र बेल्जियम के वैज्ञानिक एडोल्फ क्वेटलेट ने खोजा था। सामान्य लोगों का  BMI 18.5 से 24.9 के बीच रहता है। यदि आपका BMI 30 से ज्यादा है तो  आप स्थूलता की श्रेणी में आते हैं।  25 से 29.9 के बीच की BMI वाले भले ही मोटापे की श्रेणी में न आते हों, पर उन्हें अपना कुछ वजन तो कम करना ही चाहिये। BMI 19-70 वर्ष की आयु के लोगों में शरीर के अनुमानित फैट की जानकारी दे देता है। हालांकि बॉडी बिल्डर्स, खिलाड़ियों और गर्भवती स्त्रियों में BMI शरीर के फैट की सही गणना नहीं कर पाता है। 


ब्रिटिश प्रणाली में BMI  का सूत्र 


याद रहे इंच X इंच = इंच2


बी.एम.आई. (पाउन्ड प्रति इंच2) = (पाउन्ड में वजन X 703) / इंचों  में लंबाई2

मीटरिक प्रणाली में BMI का सूत्र

याद रहे मीटर X मीटर = मीटर2

बी.एम.आई. (किलो प्रति मीटर2) = किलो में वजन / मीटर  में लंबाई2

कटि-नितंब अनुपाती बुरा सेब अच्छी नाशपाती

यदि शरीर में फैट का जमाव उदर के अंदर या आसपास ज्यादा होता है, जिससे अपेक्षाकृत पेट ज्यादा मोटा  दिखाई देता है और जिसे हम सेबाकार स्थूलता (Apple shaped Obesity) कहते हैं तो स्थूलता के  दुष्प्रभावों का जोखिम ज्यादा रहता है। यदि फैट का जमाव नितंब और ऊपरी जांघों में ज्यादा होता है तो इसे नाशपाती स्थूलता (Pear shaped Obesity) कहते हैं। नाशपाती स्थूलता सामान्यतः स्त्रियों में होती है, इसमें  स्थूलता के  दुष्प्रभावों का जोखिम अपेक्षाकृत कम होता है।

'यानि जब पेट बने मटका, तो लगे स्वास्थ्य को झटका'

स्थूलता के आकार का अनुमान हम कटि-नितंब अनुपात या Waist to Hip Ratio से लगाते हैं, जिसका सूत्र है।

कटि-नितंब अनुपात  = कमर की न्यूनतम परिधि इंचों में / नितंबों की अधिकतम परिधि इंचों में

उदाहरण- यदि किसी स्त्री के कमर और नितंब नाप क्रमशः 35और 46 इंच है तो कटि-नितंब अनुपात 35/46 = 0.76 होगा। यदि  कटि-नितंब अनुपात स्त्रियों में 0.8 और पुरुषों में 1.0 से ज्यादा हो तो उन्हें सेबाकार कहा जाता है।

 

कैलोरी का रोजनामचा

कैलोरी की दैनिक खपत का आँकलन जरूरी है। विश्राम की अवस्था में शरीर प्रति दिन जितनी कैलोरी खर्च करता है उसे बी.एम.आर. कहते हैं। इसके लिए  सबसे पहले आपको मिफ्लिन के सूत्र से बी.एम.आर. की गणना करनी है, जो इस प्रकार है। 

पुरुषों में  बी.एम.आर. = (10 x w) + (6.25 x h) - (5 x a) + 5

स्त्रियों  में बी.एम.आर. = (10 x w) + (6.25 x h) - (5 x a) - 161

यहाँ   w = वजन किलो में         h = लंबाई सेंटीमीटर में                         a = उम्र वर्षों में

इस गणना के लिए आपको अपनी उम्र वर्षों, वजन किलो में और लंबाई सेंटीमीटर में नापनी होगी। कैलोरी की खपत मालूम करने के लिए बी.एम.आर. को सक्रियता घटक से गुणा करके मालूम करेंगे। सक्रियता घटक नीचे दिये जा रहे हैं।

सक्रियता घटक

श्रेणी

परिभाषा

1.2

निष्क्रिय

शारीरिक सक्रियता न के बराबर

1.375

मामूली सक्रिय

हल्का व्यायाम या 1-3 दिन/सप्ताह खेलना

1.55

मध्यम सक्रिय

मध्यम व्यायाम या 3-5 दिन/सप्ताह खेलना

1.725

बहुत सक्रिय

तेज व्यायाम या 6-7 दिन/सप्ताह खेलना

1.9

अत्यधिक सक्रिय

भरपूर व्यायाम या खेल या काम

उपचारशाला

कैलोरी प्रबंधन

ये हमारे ग्रुप की डॉ. जेबा है जिसने हाल ही में 16 किलो बजन कम किया है।

आहार नियंत्रण का पहला लक्ष्य वजन को बढ़ने से रोकना है। उसके बाद हमें वजन कम करने का लक्ष्य तय करना है। 20-25 आदर्श BMI है लेकिन यह जरा मुश्किल होता है। यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है कि यदि स्थूल व्यक्ति खपत से कम कैलोरी ले तो वजन कम होता है। 3500 कैलोरी कम लेने से एक पाउंड वजन कम होता है। यदि आप प्रति दिन की खपत से 350 कैलोरी कम लेंगे तो 10 दिन में आपका वज़न एक पाउण्ड कम होगा। एक वयस्क व्यक्ति प्रति दिन 1200-2800 कैलोरी की आवश्यकता होती है जो उसके वजन और क्रिया शीलता पर निर्भर करती है। यदि व्यक्ति का आरंभिक वजन ज्यादा है तो वह अपेक्षाकृत ज्यादा वजन कम करता है। बड़ी उम्र के व्यक्ति को वजन कम करना थोड़ा मुश्किल होता है क्यों कि उम्र बढ़ने के साथ चयापचयदर कम होती जाती है। एक पाउंड प्रति सप्ताह वजन कम करना सुरक्षित लक्ष्य है।  1200 कैलोरी प्रति दिन का आँकड़ा आदर्श माना गया है। 

सामान्य बातें
  • रोज 8-10 ग्लास गुनगुना पानी पिये।
  • आप रोज 4 से 6 बार भोजन ले परन्तु बहुत थोड़ा-थोड़ा। रात को सोने के 4-5 घण्टे पहले हल्का डिनर ले लें।
  • आपके भोजन में सभी फल व सब्ज़ियों का समावेश होना चाहिये। प्याज, लहसुन, गोभी, टमाटर, पत्तागोभी, मेथी, भिण्डी, पालक, बैंगन, लौकी, ऑवला, गाजर, नींबू, आदि सभी हरी सब्ज़ियाँ आदि खूब खाएं। फलों में जामुन, सेब, संतरा, अंगूर, पपीता, आम, केला आदि सभी फल खाएं। खाद्यान्न व दालें भी छिलके समेत खाएं। छिलकों में फाइबर व महत्वपूर्ण विटामिन होते हैं।
  • अंकुरित दालों का सेवन अवश्य करें।
  • रिफाइंड नमक बन्द करें और सैंधा नमक खाएं।
  • रोजाना आघा चम्मच पिसी हुई दालचीनी सब्जी या चाय में डाल कर लें।
  • नारियल का तेल खाने के लिये सर्वोत्तम होता है, यह आपके वज़न को कम करेगा। सरसों और तिल का कच्ची घाणी या एक्सेलर इकाइयों द्वारा निकला तेल बहुत अच्छा माना जाता है। हो सके तो आप सब्ज़ियों को पानी में पकायें व बाद में तेल डालें। तली हुई चीजें कम से कम खायें। वैसे अलसी से आपको अच्छे कारक वसा मिल जायेंगे।
  • आहारशास्त्री यह कहते हैं कि दस दिन में एक दिन आहार नियंत्रण के सारे बंधन भूल जाइये,  छुट्टी मनाइये और जो मर्जी हो खाते जाइये। पर याद रखिये यह छूट दस दिन में सिर्फ एक ही दिन के लिए मिलती है। 


बंद करो रिफाइन्ड तेल अगर चलानी हो जीवन की रेल  
आपको मारक वसा जैसे हाइड्रोजनीकृत फैट (डालडा) और रिफाइंड तेल का प्रयोग तुरन्त बन्द कर देना चाहिये।  हाइड्रोजनीकरण या डालडाकरण करने के लिए निकिल धातु की उपस्थिति में तेलों में 400 डिग्री F पर भारी दबाव से 8 घंटे तक हाइड्रोजन प्रवाहित की जाती है। इससे तैयार होता है ट्रांस फैट से भरपूर निष्क्रिय (मृत) फैट जो हमारे शरीर के लिए खतरनाक विष है।  बहुराष्ट्रीय संस्थान अपने सभी खाद्य पदार्थों जैसे ब्रेड, केक, मैगी, पास्ता, नूडल्स, बिस्कुट, चिप्स, कुरकुरे, पिज्जा, बर्गर, आइसक्रीम, चॉकलेट आदि में ट्रांसफैट युक्त घातक हाइड्रोजनीकृत वसा का भरपूर प्रयोग करते हैं इसलिए इनको करो बाय-बाय। रिफाइंड तेल को बनाते वक्त 400 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है व अत्यंत हानिकारक रसायन पदार्थ जैसे हैक्सेन, कास्टिक सोड़ा, ब्लीचिंग एजेंट्स आदि-आदि मिलाये जाते हैं।
संतुलित रखो ओमेगा छः और तीन  यही है जीवन की मेन थीम
हमारे शरीर के लिये ओमेगा-3 व ओमेगा-6 फेटी एसिड दोनों ही बहुत आवश्यक हैं। ओमेगा-6 गर्म होते है और शरीर में इन्फ्लेमेशन पैदा करते है। परन्तु ओमेगा-3 ठण्ड़े होते हैं और एन्टीइन्फलेमेटरी होते हैं। शरीर में ओमेगा-6 ज्यादा होने से मोटापा समेत कई बीमारियाँ हो जाती है। इसलिए आपको अपने भोजन में ओमेगा-3 व ओमेगा-6 फेटी एसिड का अनुपात संतुलित यानी 1:1 या 1:2 रखना है। जो तेल ज्यादातर हम खाते हैं, ओमेगा-6 से भरपूर होते हैं, पर उनमें ओमेगा-3 बहुत ही कम होते हैं। ओमेगा-3 की यह कमी आप प्रतिदिन 30-50 ग्राम अलसी खाकर पूरी कर सकते हैं।

रिफाइन्ड कार्ब होते बड़े खराब
आपको रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद  चावल, मेदा, चीनी और बाजार में उपलब्ध खुले हुए या पेकेट बंद खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, केक, पास्ता, मेगी, नूडल्स, बिस्कुट, अंकल चिप्स, कुरकुरे, पेप्सी, लिमका, कोकाकोला, फैंटा, फ्रूटी, पिज्ज़ा, बर्गर, पेटीज, समोसा, कचोरी, भटूरा, नमकीन, सेव आदि का सेवन नहीं करना है। उपरोक्त सभी खाद्य पदार्थ मेदा व ट्राँसफेट युक्त खराब रिफांइड तेलों से बनते हैं। तलने के लिए तेल को बार-बार गर्म किया जाता है। जिससे उसमें अत्यन्त हानिकारक कैंसर पैदा करने वाले रसायन जैसे एच.एन.ई. बन जाते है।
अलसी अपनाओ और स्थूलता घटाओ
अलसी सचमुच वज़न घटाने का बढ़िया हथियार है क्योंकि यह  जीरो-कार्ब  भोजन है। चौंकियेगा नहीं, यह सत्य है। मैं आपको समझाता हूँ। 14 ग्राम अलसी में 2.56 ग्राम प्रोटीन, 5.90 ग्राम फैट, 0.97 ग्राम पानी और 0.53 ग्राम राख होती है। 14 में से उपरोक्त सभी के जोड़ को घटाने पर जो शेष {14-(0.97+2.56+5.90+0.53)=4.04 ग्राम}  4.04 ग्राम बचेगा वह कार्बोहाइड्रेट की मात्रा हुई। विदित रहे कि फाइबर कार्बोहाइड्रेट की श्रेणी में ही आते हैं।  इस 4.04 कार्बोहाइड्रेट में 3.80 ग्राम फाइबर होता है जो न रक्त में अवशोषित होता है और न ही रक्तशर्करा को प्रभावित करता है। अतः 14 ग्राम अलसी में कार्बोहाइड्रेट की व्यावहारिक मात्रा तो 4.04 - 3.80 = 0.24 ग्राम ही हुई, जो 14 ग्राम के सामने नगण्य मात्रा है इसलिये आहार शास्त्री अलसी को  जीरो कार्ब  भोजन  मानते हैं।  मैंने अलसी के सेवन से कई लोगों का वज़न कम होते देखा है। दो-चार किलो वज़न तो मात्र अलसी खाने से ही हो जाता है। । 30-40 ग्राम अलसी मिक्सी के चटनी जार में सूखा पीस कर आटे में मिलाकर रोटी बना कर लें। अलसी पीस कर रखने से खराब हो जाती है।
वज़न घटाने में अलसी आपकी  इस तरह मदद करेगी।
  • सबसे पहले तो अलसी आपके मन में स्वस्थ, सुन्दर और युवा बने रहने की इच्छा जागृत करती है।
  • अलसी आप में दृढ़ संकल्प, मनोबल और आत्मविश्वास जगायेगी। आपको भरपूर ऊर्जा  और शक्ति देगी और आपके मन से सारी ऋणात्मकता निकाल देगी।
  • अलसी के सेवन करने से वजन घटाने हेतु व्यायाम या घूमने से होने वाली थकावट नहीं होगी और यदि हुई भी तो चुटकियों में दूर हो जायेगी।
  • अलसी में 27 प्रतिशत रेशा होने के कारण पेट ज्यादा देर तक भरा रहता है, खाने की ललक कम होती है और भूख भी कम लगती है।
  • अलसी में भरपूर लिगनेन और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होते हैं जो आपके शरीर में माँस-पेशियों को विकसित करते हैं और फालतू जमा हुई चर्बी को कम करते हैं और आपका वजन कम करते हैं।
प्रोटीन खाओ माँसपेशियाँ बचाओ
आपको रोज 80-100 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिये। महिलाओं को भी 80 ग्राम तो लेना ही है। यदि आप व्यायाम ज्यादा करते हो तो प्रोटीन और ज्यादा खाएँ। आप प्रोटीन के लिये पनीर, दही व दालें खायें। प्रोटीन वज़न कम करने के लिए लेने वाली विभिन्न रासायनिक क्रियाओं में अत्यन्त आवश्यक है। प्रोटीन नहीं खाने से आपकी मांसपेशियाँ सिकुड़ना शुरू हो जायेगी व आपका बी.एम.आर. कम हो जायेगा। अंडा वज़न भी कम करता है।
औषधि का तड़का लगाये मोटा लड़का

यदि BMI 30 से ज्यादा हो तो स्थूलता के उपचार हेतु औषधियों का प्रयोग करना चाहिये। स्थूलता के उपचार के लिए प्रमाणित ज्यादातर ऐलोपेथी की औषधियां निरर्थक साबित हुई हैं। इन सबके कई घातक पार्ष्व प्रभाव भी थे। यहां मैं सिर्फ ऑर्लिस्टेट का जिक्र करना चाहूँगा। यह भारत में रीशेप Reeshape के नाम से सर्व प्रसिद्ध है जो बड़े प्रभावशाली ढंग से वजन कम करती है। यह लाइपेज इन्हिबीटर या फैट ब्लॉकर है। फैट का आंतों में अवशोषण तभी होता है जब पाचन एंजाइम लाइपेज फैट को ग्लीसरोल और फैटी एसिड में बदल देते हैं। रीशेप लाइपेज को निष्क्रिय कर देती हैं जिससे फैट का  अवशोषण 30% या ज्यादा कम हो जाता हैं और इस तरह वजन कम होने लगता है। इसके शरीर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है क्योंकि यह आंतों में रह कर ही काम करती है और इसका रक्त-प्रवाह में अवशोषण न के बराबर होता है। यह पूर्णतः सुरक्षित है। इसके 60-120 mg के केपस्यूल दो बार खाने के साथ लेने होते हैं।  यह पूरे भारत के चिकित्सकों की पहली पसंद है। मेरे रोगियों को हमेशा इससे शत प्रतिशत परिणाम मिले हैं।  

रोज एक क्रोमियम व एल्फालाइपोइक एसिड युक्त एन्टी-ऑक्सीडेंट का केप्स्युल जैसे Cap. Ebiza-L, Cap Reeshape 60 या 120 एक सुबह शाम और Dabur Shilajit के दो केप्स्युल सुबह शाम लेना चाहिये। शिलाजीत उत्कृष्ट आयुवर्धक रसायन है जो मधुमेह, उच्च रक्त चाप, मोटापा आदि में बहुत लाभ देती है। गुर्दों को नया जीवन व उर्जा देती है। मदोहर गुग्गुल की दो गोली सुबह शाम ली जा सकती है।

नेगेटिव कैलोरी फूड खाते रहो मेरे ड्यूड
स्थूलता के उपचार हेतु कुछ वैज्ञानिकों ने ऋणात्मक कैलोरी भोजन (Negative Calorie food) की भी परिकल्पना की है। उनके अनुसार कुछ खाद्यान्नों में इतनी कम कैलोरी होती है कि उससे ज्यादा कैलोरी उनको चबाने, पचाने और पूरे आहार-पथ से गुजारते हुए विसर्जित करने में खर्च हो जाती है। ब्रोकोली, बंद गोभी, गाजर, टमाटर, पालक, शलगम, ककड़ी, फूल गोभी, पपीता आदि अच्छे ऋणात्मक कैलोरी भोजन माने जाते हैं।  आप इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में अवश्य शामिल करें।

बाबा सिखाएँ योग वज़न घटाएँ लोग

जो लोग नियमित व्यायाम, प्रातः भ्रमण, योग या प्राणायाम करते हैं, वे स्थूल नहीं होते हैं। व्यायाम या कोई  भी शारीरिक क्रिया करने से कैलोरी का ज्वलन  होता है। कैलोरी के ज्वलन  की मात्रा व्यायाम के प्रकार, अवधि,  और तीवृता पर निर्भर करती है। यह व्यक्ति के वजन पर भी निर्भर करती है। उदाहरण के लिए एक किलोमीटर चलने से 100 किलो का व्यक्ति 60 किलो के  व्यक्ति से ज्यादा कैलोरी ज्वलन  करेगा क्योंकि उसे अतिरिक्त 40 किलो के वजन को भी एक किलोमीटर ढोने में कैलोरी खर्च करनी पड़ेगी। आहार नियंत्रण के साथ व्यायाम करना स्थूलता का आदर्श उपचार है। अकेले  आहार नियंत्रण से काम चलने वाला नहीं है। रोज स्वामी रामदेव जी के योग और प्राणायाम  करें और स्थूलता पर विजय पायें। 

  • सप्ताह में 5-7 बार 30-45 मिनट व्यायाम करें। तेज चलना, साइकिल चलाना, योग, प्राणायाम,  ट्रेडमिल पर चलना, तैरना आदि अच्छे व्यायाम हैं।

  • व्यायाम एक साथ न करके दस दस मिनट के टुकड़ों में भी कर सकते हैं।

  • पहले थोड़ा वार्म-अप करें फिर  धीरे धीरे व्यायाम तीवृता बढ़ावें।

  • व्यायाम करने में उम्र बाधा नहीं डालती। 70 वर्ष से बड़े लोग भी व्यायाम कर सकते हैं।

कम्प्यूटर की थाम लो कमान  स्थूलता-नियंत्रण बने आसान
आजकल सभी लोग कम्यूटर का प्रयोग करने लगे हैं। आप भी अपना वज़न घटाने के लिए कम्प्यूटर की मदद  ले सकते हैं और इस अनुभव को रोचक व मनोरंजक भी बना सकते हैं। इस  हेतु  BWM  2.0  diet manager Software एक बहुत ही अच्छा सॉफ्टवेयर है जो आप http://www.tucows.com/thankyou.html?swid=520699 मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। जो कुछ भी खाद्य-पदार्थ आप रोज खायें या व्यायाम आदि करें, उनकी मात्रा और विवरण आप सॉफ्टवेयर में भरते जायें। सॉफ्टवेयर इन सारी चीजों का लेखा-जोखा रखेगा और आपको बताता रहेगा कि आपका कैलोरी प्रबंधन कैसा चल रहा है, कितने दिनों में आप अपना वज़न घटा पायेंगे।  आपको इस सॉफ्टवेयर में कई भारतीय व्यंजनों के विवरण नहीं मिलेंगे, लेकिन आप इन व्यंजनों के विवरण डाल स्वयं सकते हैं। http://kelpiesoft-food-file.en.softonic.com/ से आप केलपाईसॉफ्ट फूड फाइल सॉफ्टवेयर भी मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं। यह भारतीय व्यंजनों को छोड़ कर बाकी सब व्यंजनों की कैलोरी-मात्रा बतला देगा। गूगल की गलियों की खाक छानोगे तो और भी बहुत कुछ पाओगे।   
भारतीय व्यंजनों की कैलोरी मात्रा, विभिन्न व्यायामों में खर्च होने वाली कैलोरी की मात्रा, बॉडी मास इंडेक्स और कटि-नितंब अनुपात आदि मालूम करने के लिए अंतरजाल पर आप गूगल की मदद ले सकते हैं। हमारी अलसी चेतना यात्रा  के मुख्य पृष्ठ पर ये सारे हथियार आपको हिन्दी भाषा में मिल जायेंगे।

अपना वज़न घटाने के बाद लोग अक्सर यह समझते हैं कि उनकी स्थूलता की उपचार यात्रा पूरी हो गई है और वे व्यायाम करना घूमना छोड़ देते हैं, खूब खाने पीने लगते हैं और अपनी पुरानी जीवन शैली में लौट आते हैं। धीरे-धीरे वजन फिर बढ़ना शुरू हो जाता है और स्थूलता का दैत्य पुनः उनको जकड़ लेता है। इसलिए ऐसी भूल कभी नहीं करें। वजन कम होने के बाद भी अपनी जीवन शैली को नहीं बिगाड़ें, नियमित अपना वजन देखते रहें, स्वस्थ व नियंत्रित भोजन लेते रहें और व्यायाम करते रहें।  

 

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